1. जब आप किसी प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग जुटा रहे हों और खुद भी उसे बस 70% तक ही समझ पाए हों, लेकिन फिर भी फंडर को 100% कॉन्फिडेंस दिखाना हो! ऐसी सूरत में आपको यह करना है:
2. जब सरकारी अधिकारी मीटिंग में कहें, ‘आपका आइडिया तो बहुत अच्छा है, हम इस पर जरूर एक्शन लेंगे।’ इसका मतलब है:

3. जब आपको सेक्टर में पहली नौकरी मिले और आपसे कहा जाए, “अगर काम की समझ बनानी है, तो पहले यहां अनपेड इंटर्नशिप करनी होगी।” ऐसी नौकरी करते हुए आपका अंतर्मन:

4. फंडिंग एप्लीकेशन फॉर्म में अमूमन आपके फिंगरप्रिंट और डीएनए के अलावा सब मांग लिया जाता है! इसलिए आपको ऐसा होना पड़ेगा:

5. यहां हर एनजीओ वर्कर के पास एक सुपरपावर होनी चाहिए, जिससे वो किसी भी कहानी को किसी भी प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के मुताबिक ढालकर यह कह सके:

6. जब छह महीने बाद भी प्रोजेक्ट का असर न दिखे, तो खुद को ये दिलासा देना जरूरी है कि आप दुनिया बदल कर रहेंगे। खुद को याद दिलायें कि प्रोसेस पर इतना भरोसा रखना है कि जब रिजल्ट आएगा, तो सब कहेंगे:

गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *