विकलांग जनों को व्यवस्थागत पूर्वाग्रहों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व को असंभव न सही, लेकिन बहुत मुश्किल जरूर बना देता है।
कोविड महामारी के दौरान ही पता चल गया था कि प्रवासी श्रमिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए नीतियां, प्रक्रियाएं और प्रणालियां तत्काल तय किए जाने की ज़रूरत है।
युवाओं से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य के प्रयास तब अधिक प्रभावी होते हैं जब ये उनके लिए प्रासंगिक, लोगों पर ध्यान केंद्रित करने वाले और समुदाय द्वारा चलाए जाने वाले हों।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की एक आशा सहयोगिनी के दिन का हाल जो स्वास्थ्य के साथ-साथ शराबबंदी, घरेलू हिंसा, भ्रष्टाचार जैसे तमाम मामलों पर अपनी आवाज बुलंद करने लगी है।
बिहार में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उच्च पूंजी लागत, सीमित चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैटरी की उपलब्धता जैसी बाधाएं हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन नीति के ज़रिये राज्य सरकार इससे निबटने के लिए प्रयास कर रही है।