शीतल साठे

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शीतल साठे अपने संगीत के ज़रिए लगभग, दो दशकों से जाति विरोधी सांस्कृतिक आंदोलनों में सक्रिय रही हैं। वे मुख्य रूप से  पश्चिमी भारत की लोककला ‘साहिरी’(काव्य लेखन) से संबंध रखती हैं। शीतल साठे ने कलासंगिनी मंच की स्थापना भी की है। यह मंच पूरे भारत में सांस्कृतिक आंदोलन खड़ा करने के तरीक़ों पर चर्चा करने, न्याय और समानता के मुद्दों पर काम करने और स्थानीय सामुदायिक समूहों का निर्माण करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों का साथ लाता है। दमन और भेदभाव के बावजूद शीतल साठे अपनी मंडली, नवयान महाजलसा के साथ पूरे भारत में प्रस्तुतियां देती रहती हैं।




शीतल साठे के लेख


खेत में काम करते लोग_ज़मीनी ज्ञान

May 29, 2024
ज़मीनी ज्ञान क्या है और इसका संरक्षण क्यों ज़रूरी है?
ज़मीनी ज्ञान जहां समुदाय को आजीविका और विकास के स्थायी साधन देता है, वहीं अकादमिक ज्ञान से जोड़े जाने पर पर्यावरण और तकनीक से जुड़ी कई बड़ी समस्याओं के हल भी दे सकता है।