March 20, 2025

विकास सेक्टर में अपना डिजिटल फुटप्रिंट कैसे तैयार करें?

डिजिटल एक्टिविज़म में सोशल मीडिया हैशटैग कैंपेन, ऑनलाइन याचिकाएं, क्राउडफंडिंग और कंटेंट क्रिएशन जैसे उपाय तरीके शामिल हैं।
2 मिनट लंबा लेख

2017 में भारत में सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन्स पर लगाए गए 12% जीएसटी टैक्स के खिलाफ ट्विटर पर #LahuKaLagan कैंपेन की शुरूआत हुई। इस अभियान से कई हज़ारों लोग और सेलिब्रिटी भी जुड़े। एक साल बाद सरकार ने लोगों की मांग सुनी और इन उत्पादों पर लगे टैक्स को हटा दिया गया। बीते सालों में किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया की ताकत साफ नज़र आयी। #FarmersProtest कैंपेन के माध्यम से हज़ारों लोगों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कर्मियों ने आंदोलन का समर्थन किया और इससे जुड़ी सही जानकारी साझा की।

हालिया चलन को देखें तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गए हैं। अब यह हैशटैग कैंपेन, ऑनलाइन याचिकाओं, क्राउडफंडिंग और कंटेंट क्रिएशन जैसे अलग-अलग तरीकों से जानकारी साझा करने, राजनीतिक चर्चाओं को आकार देने, जागरूकता फैलाने, दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाने और आजीविका तक का जरिया भी बन गए हैं। ऐसे में अगर आप जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, सरकारी योजनाएं, मानव अधिकार या पर्यावरण जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं और पारंपरिक माध्यमों से इतर अपना डिजिटल फुटप्रिंट तैयार करना चाहते हैं, तो आईडीआर की यह वीडियो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

डिजिटल एक्टिविज़म से जुड़े सवालों को हमारे यूट्यूब वीडियो के कमेंट बॉक्स में लिखें। साथ ही यह वीडियो उन सभी साथियों के साथ साझा करें, जो अपना डिजिटल सफ़र शुरू करने जा रहे हैं।

फेसबुक बैनर_आईडीआर हिन्दी

अधिक जानें

  • जानिए, डिजिटल फुटप्रिंट की विशेषताएं।
  • जानिए, विकास सेक्टर में मजबूत फैसिलिटेटर बनने के आठ नुस्खे।
  • पढ़ें, समाजसेवी संस्थाएं अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कितनी तैयार हैं?

लेखक के बारे में
सलोनी सिसोदिया-Image
सलोनी सिसोदिया

सलोनी सिसोदिया आईडीआर में मल्टीमीडिया एनालिस्ट हैं। इससे पहले उन्होंने फेमिनिज़म इन इंडिया के साथ सीनियर डिजिटल एडिटर के रूप में भी काम किया है तथा जेंडर, कल्चर, समाज और सिनेमा जैसे विषयों पर मुख्य तौर पर अनुभव रखती हैं। सलोनी ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपनी पढ़ाई की है। वह फोटो निबंध, फोटोग्राफी और ट्रेवल करने में ख़ास रूचि रखती हैं।

राकेश स्वामी-Image
राकेश स्वामी

राकेश स्वामी आईडीआर में सह-संपादकीय भूमिका मे हैं। वह राजस्थान से जुड़े लेखन सामग्री पर जोर देते हैं। राकेश के पास राजस्थान सरकार के नेतृत्व मे समुदाय के साथ कार्य करने का एवं अकाउंटेबलिटी इनिशिएटिव, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च मे लेखन एवं क्षमता निर्माण का भी अनुभव है। राकेश ने आरटीयू यूनिवर्सिटी, कोटा से सिविल अभियांत्रिकी में स्नातक किया है।

टिप्पणी

गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *