2017 में भारत में सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन्स पर लगाए गए 12% जीएसटी टैक्स के खिलाफ ट्विटर पर #LahuKaLagan कैंपेन की शुरूआत हुई। इस अभियान से कई हज़ारों लोग और सेलिब्रिटी भी जुड़े। एक साल बाद सरकार ने लोगों की मांग सुनी और इन उत्पादों पर लगे टैक्स को हटा दिया गया। बीते सालों में किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया की ताकत साफ नज़र आयी। #FarmersProtest कैंपेन के माध्यम से हज़ारों लोगों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कर्मियों ने आंदोलन का समर्थन किया और इससे जुड़ी सही जानकारी साझा की।
हालिया चलन को देखें तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गए हैं। अब यह हैशटैग कैंपेन, ऑनलाइन याचिकाओं, क्राउडफंडिंग और कंटेंट क्रिएशन जैसे अलग-अलग तरीकों से जानकारी साझा करने, राजनीतिक चर्चाओं को आकार देने, जागरूकता फैलाने, दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाने और आजीविका तक का जरिया भी बन गए हैं। ऐसे में अगर आप जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, सरकारी योजनाएं, मानव अधिकार या पर्यावरण जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं और पारंपरिक माध्यमों से इतर अपना डिजिटल फुटप्रिंट तैयार करना चाहते हैं, तो आईडीआर की यह वीडियो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
डिजिटल एक्टिविज़म से जुड़े सवालों को हमारे यूट्यूब वीडियो के कमेंट बॉक्स में लिखें। साथ ही यह वीडियो उन सभी साथियों के साथ साझा करें, जो अपना डिजिटल सफ़र शुरू करने जा रहे हैं।
—
गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *