डॉ. नरेंद्र गुप्ता एक सामुदायिक स्वास्थ्य चिकित्सक और प्रयास नाम के स्वयंसेवी संस्था के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने लगभग 40 सालों से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में भील मीना आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में सुधार के लिए काम किया है। वह जन स्वास्थ्य अभियान के राष्ट्रीय आयोजकों में से एक, और राजस्थान में इसके संयोजक हैं।
डॉ. गुप्ता ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ढांचे को डिज़ाइन करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कार्य समूह के गठन में अहम भूमिका निभाई जिससे पंचायती राज संस्थान की भूमिका और स्पष्ट हो सकी। साथ ही वह भारत की 12वीं पंचवर्षीय योजना के कार्य समूह के सदस्य थे जिसमें उन्होंने दवाओं और खाद्य सुरक्षा पर काम किया। राजस्थान में निशुल्क दवा योजना की शुरुआत में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
डॉ. गुप्ता ने आईडीआर से अपने स्वास्थ्य के काम से संबंधित सफ़र कि बात की। उन्होंने राजस्थान में लोगों में स्वास्थ्य की समझ को बदलने के प्रयास के बारे में बताया।भारत में राइट टू हेल्थ और निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं की ख़ासा ज़रूरत क्यों है और इन्हें बढ़ावा देने के लिए किस तरह से काम करना चाहिए।
1. डॉ नरेंद्र गुप्ता का परिचय और विकास सेक्टर का सफर
स्वास्थ्य का काम करने शुरू करने के लिए चित्तौड़गढ़ जिला एक चुनौती भरा इलाक़ा क्यों है और यहां स्वास्थ्य और शिक्षा एक साथ काम करना क्यों ज़रूरी था।
2. राजस्थान में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और निशुल्क दवा योजना कैसे आई?
नेशनल रुरल हैल्थ मिशन लॉन्च होने से स्वास्थ्य पर आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडीचर (जेब से खर्च) कैसे कम हो सकता है, और कैसे निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत कई गुना कीमत पर मिलने वाली दवाई अब मुफ्त में उपलब्ध होती है।
3. कैसे मेनिफेस्टो से सरकारी कागज़ बना राइट टू हेल्थ
अगर आपके पास राइट टू एजुकेशन, राइट टू इन्फॉर्मेशन, राइट टू इंप्लॉयमेंट, राइट टू फूड, फॉरेस्ट राइट एक्ट सब कुछ है तो स्वास्थ्य पर क्यों नहीं?
4. स्वास्थ्य सेक्टर की मुख्य चुनौतियां और उनके हल
भारत की बहुत बड़ी आबादी को आज भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होती – हर परिवार के लिए डॉक्टर तय होना चाहिए और घर से कुछ ही दूरी पर छोटी से बड़ी बीमारी के लिए स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध होने चाहिए।5.5.
5. वैश्विक जनस्वास्थ्य अभियान की भारत में शुरुआत कैसे हुई?
जन स्वास्थ्य अभियान साल 2000 में भारत आया जिसके अंतर्गत सभी स्वास्थ्य से जुड़ी लड़ाई जैसे राइट टू हेल्थ और फ्री मेडिसिन का कैंपेन राजस्थान में शुरू हुआ।
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