साथ ही जानिए, क्यों समाजसेवियों और फंडर्स को पूर्वोत्तर भारत के लिए सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कार्यक्रम बनाने से पहले वहां के स्थानीय संदर्भों को समझ लेना चाहिए।
राजस्थान समेत देशभर में आज भी महिलाओं को डायन बताकर उत्पीड़ित करने की कुप्रथा है जिसकी जड़ें पितृसत्ता, मानवीय लालच और कमजोर कानूनों में दबी दिखाई देती हैं।
जब तक विभिन्न समुदाय लिंग, जाति, वर्ग और धर्मों के आधार पर लोगों को बाहर रखना बंद नहीं करेंगे तब तक एसडीजी को हासिल करने की तमाम कोशिशें कम पड़ती रहेंगी।