निखिल अरोड़ा, पिछले 20 वर्षों से एक निजी कंपनी में कार्यरत है। निखिल अपनी कंपनी में मुख्य रूप से रेक्सिन की सेल्स के अलावा कंपनी के दूसरे विभागों का भी काम देखते हैं। अपने शौक के लिए वे बेकार हो चुकी लकड़ियों का सामान बनाते हैं तथा कवितायें लिखना भी पसंद करते हैं।