September 10, 2025

12A और 80G: समय पर नवीनीकरण, सहयोग का भरोसा

हाल ही में हुए संशोधनों के अनुसार, अब हर पांच वर्ष में 12A और 80G पंजीकरणों का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है।
9 मिनट लंबा लेख

भारत में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए टैक्स संबंधी नियमों का पालन करना न केवल उनकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि फंडिंग अवसरों की दृष्टि से भी यह एक बेहद अहम प्रक्रिया है। इस संदर्भ में आयकर अधिनियम के दो प्रमुख पंजीकरण, सेक्शन 12A और सेक्शन 80G, विशेष महत्व रखते हैं।

सेक्शन 12A एक संगठन को आय पर टैक्स से छूट प्रदान करता है। वहीं 80G दानकर्ताओं को पात्र एनजीओ को किए गए दान पर टैक्स कटौती का लाभ उठाने की सुविधा देता है। इसके अलावा, 12A और 80G पंजीकरण अन्य कानूनी ढांचों, जैसे कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर), के लिए भी आवश्यक दस्तावेज माने जाते हैं।

हाल ही में हुए संशोधनों के अनुसार, अब हर पांच वर्ष में इन दोनों पंजीकरणों का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही, वित्त विधेयक 2025 के प्रावधानों के अनुसार भविष्य में नवीनीकरण की पांच या दस वर्षों की अवधि संगठन की बीते दो सालों की आय पर निर्भर होगी। इन पंजीकरणों को नियमित बनाए रखना संगठनों को न केवल निरंतर टैक्स लाभ उपलब्ध कराता है, बल्कि उन्हें दानदाताओं के सहयोग के लिए योग्य भी बनाए रखता है।

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इस लेख में हम 12A और 80G के नवीनीकरण की प्रक्रिया, समय-सीमा, और अनुपालन संबंधी सुझावों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आपका एनजीओ सुचारू रूप से इनका पालन कर सके।

नवीनीकरण के लिए किसे आवेदन करना जरूरी है?

सभी धार्मिक और परोपकारी संगठन (एनजीओ, ट्रस्ट, सोसाइटी और सेक्शन 8 कंपनियां) जो पहले से ही आयकर अधिनियम के सेक्शन 12A और/या सेक्शन 80G के अंतर्गत पंजीकृत हैं, उन्हें आयकर विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है।

इन पर लागू:

  • वे संगठन जिनका मौजूदा पंचवर्षीय पंजीकरण समाप्ति के निकट है।
  • वे एनजीओ जिन्हें अस्थायी पंजीकरण मिला था और जिन्हें अब उसे नियमित पंजीकरण में बदलना है।

12A/80G नवीनीकरण क्यों महत्वपूर्ण है?

  • टैक्स-मुक्त बने रहना: 12A का नवीनीकरण यह सुनिश्चित करता है कि आपके एनजीओ की अधिशेष आय पर आयकर से छूट बनी रहे।
  • दानकर्ताओं को टैक्स लाभ उपलब्ध कराना: 80G का नवीनीकरण दानकर्ताओं को टैक्स कटौती का दावा करने का अवसर देता है, जिससे निरंतर सहयोग राशि मिलने का मार्ग खुलता है।
  • कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करना: नियमित नवीनीकरण आपके संगठन को आयकर अधिनियम के अद्यतन नियमों के अनुरूप बनाए रखता है।
  • एग्जिट टैक्स से बचाव: यदि पंजीकरण समाप्त हो जाता है, तो इसे परोपकारी दर्जे की समाप्ति माना जा सकता है। ऐसे में धारा 115TD के अंतर्गत संचित संपत्ति/आय पर टैक्स लगाया जा सकता है।
  • दानदाताओं का भरोसा जीतना: नियमित पंजीकरण पारदर्शिता को दर्शाते हैं और आपके एनजीओ की विश्वसनीयता में दानदाताओं का भरोसा मजबूत करते हैं।

12A/80G नवीनीकरण के लिए आवेदन की समय-सीमा क्या है?

मौजूदा ट्रस्टों के लिए 12A/80G नवीनीकरण का आवेदन प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने से कम-से-कम 6 महीने पहले करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ट्रस्ट के 12A प्रमाणपत्र में वैधता अवधि आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2022-23 से 2026-27 तक दी गई है, तो इसका अर्थ है कि प्रमाणपत्र 31/03/2026 को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में, नवीनीकरण हेतु आवेदन 30/09/2025 या उससे पहले दाखिल करना होगा।

निर्धारित समय-सीमा में नवीनीकरण न होने के परिणाम

किसी भी एनजीओ के लिए 12A और 80G का समय पर नवीनीकरण करना बहुत जरूरी है। यदि वे इससे चूकते हैं, तो इसके गंभीर वित्तीय और निजी परिणाम हो सकते हैं:

  • कर-योग्यता (टैक्सेबिलिटी): मान्य 12A के बिना एनजीओ को आयकर छूट नहीं मिलती और उसकी आय पर सामान्य दरों से टैक्स लगाया जा सकता है।
  • दानदाताओं को टैक्स लाभ न मिलना: जिस अवधि में पंजीकरण निष्क्रिय रहेगा, उस दौरान किए गए दान पर 80G कटौती उपलब्ध नहीं होगी। इससे योगदान राशि में कमी आ सकती है।
  • सीएसआर फंडिंग न मिलना: अधिकांश कॉर्पोरेट समूह सीएसआर अनुदान देने के लिए मान्य 12A/80G प्रमाणपत्र की शर्त रखते हैं। इसलिए पंजीकरण में चूक होने से अहम फंडिंग आपसे दूर हो सकती है।
  • लापरवाह आचरण का संकेत: समय सीमा चूकने से दानदाताओं, ऑडिटर और नियामक संस्थाओं के बीच एनजीओ की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है।
  • पिछली अवधि का लाभ न मिलना: छूट और कटौती केवल नवीनीकरण के बाद से ही लागू होती हैं। बीते हुए समय के लिए पिछली तिथि से कोई लाभ नहीं दिया जाता। हालांकि, यदि देरी का कोई उचित कारण है, तो प्रधान आयुक्त या आयुक्त विलंब को स्वीकार कर सकते हैं, और आवेदन को नियत समय में दाखिल माना जाता है।
  • सेक्शन 115TD(3)(iii) के अंतर्गत एग्जिट टैक्स: नवीनीकरण में विलंब को परोपकारी दर्जे की समाप्ति माना जा सकता है। ऐसी स्थिति में संचित संपत्ति/आय पर एग्जिट टैक्स लगाया जाएगा, जो किसी भी एनजीओ के लिए बड़ा वित्तीय जोखिम है।

नवीनीकरण के बाद प्रमाणपत्र कितने समय के लिए मान्य रहेगा?

जब कोई ट्रस्ट या संस्था अपना 12A प्रमाणपत्र नवीनीकृत कराती है, तो उसकी सामान्य वैधता 5 वर्ष होती है। लेकिन यदि आवेदन करने से पहले के पिछले दो वित्तीय वर्षों में संस्था की कुल आय (सेक्शन 11 और 12 के अंतर्गत छूट का दावा करने से पहले की आय) प्रत्येक वर्ष 5 करोड़ रुपये या उससे कम रही हो, तो प्रमाणपत्र की वैधता 10 वर्ष तक मानी जाएगी।

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वित्त विधेयक 2025 में सेक्शन 12A पंजीकरण की वैधता अवधि को संशोधित किया गया है। | चित्र साभार: पिक्सल्स

उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपका प्रमाणपत्र आकलन वर्ष 2027–28 से 2031–32 तक मान्य है (यानी यह 31 मार्च 2031 को समाप्त होगा)। ऐसे में आपको नवीनीकरण के लिए 30 सितम्बर 2030 (वित्तीय वर्ष 2030–31 में) तक आवेदन करना होगा। इस स्थिति में, आयकर विभाग वित्तीय वर्ष 2028–29 और 2029–30 की आय की जांच करेगा।

यदि इन दोनों में से किसी भी वर्ष में आपकी आय 5 करोड़ रुपये से अधिक हुई, तो नवीनीकृत प्रमाणपत्र की वैधता केवल 5 वर्ष होगी। लेकिन यदि दोनों वर्षों में आपकी आय 5 करोड़ रुपये या उससे कम रही, तो नवीनीकृत प्रमाणपत्र की वैधता 10 वर्ष होगी।

महत्वपूर्ण नोट:

12A की बढ़ी हुई वैधता कब लागू होती है?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जिन संस्थाओं का 12A पंजीकरण पहले से चल रहा है, वे अपनी पिछली वित्तीय आय-सीमा (थ्रेशहोल्ड) के आधार पर 10 वर्ष की वैधता के लिए पहले से ही योग्य हो सकती हैं। लेकिन अभी तक न तो कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया गया है और न ही प्रमाणपत्रों में यह बदलाव दिख रहा है। इसी वजह से इस विषय पर अभी व्याख्या से जुड़े सवाल बने हुए हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि प्रमाणपत्रों में वैधता अवधि अभी भी 5 वर्ष ही लिखी जा रही है और संस्था को, उसकी पिछली आय कुछ भी रही हो, 30.09.2025 से पहले आवेदन करना अनिवार्य हो सकता है।

नवीनीकरण के बाद 80G की वैधता की स्थिति:

भले ही वित्त विधेयक 2025 में सेक्शन 12A पंजीकरण की वैधता अवधि को संशोधित किया गया है (यानि पिछली आय-सीमा के आधार पर अब यह 5 वर्ष या 10 वर्ष हो सकती है), लेकिन ऐसा कोई संशोधन अभी तक 80G पंजीकरणों के लिए नहीं किया गया है। इसलिए जब तक कोई नया प्रावधान या आधिकारिक आदेश नहीं आता, 80G पंजीकरण की वैधता अवधि को 5 वर्ष ही समझा जा सकता है, जैसा कि मौजूदा पंजीकरण प्रमाणपत्रों में लिखा है।

यह एक ऐसा विषय है, जहां आधिकारिक दिशा-निर्देश पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।

क्या इसके लिए कोई निर्धारित फॉर्म और चेकलिस्ट है?

जो ट्रस्ट पहले से धारा 12AB के अंतर्गत पंजीकृत हैं और अब नवीनीकरण हेतु पात्र हैं, उनके लिए 10AB निर्धारित फॉर्म है। इस फॉर्म के अनुसार आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेजों की एक सूची यह है।

12A/80G नवीनीकरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है?

किसी भी धार्मिक या परोपकारी ट्रस्ट या संस्था, जिसमें एनजीओ भी शामिल हैं, को टैक्स छूट का लाभ जारी रखने के लिए प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त या आयकर आयुक्त के समक्ष ऑनलाइन आवेदन करना आवश्यक है। यह आवेदन फॉर्म 10AB के माध्यम से किया जाता है। नवीनीकरण/पुनर्पंजीकरण की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:

चरण 1: आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉग-इन करें।

चरण 2: ई-फाइल टैब में जाकर इनकम टैक्स फॉर्म्स का विकल्प चुनें।

चरण 3: फॉर्म के नाम में Form 10AB चुनें और ड्रॉप-डाउन सूची से संबंधित आकलन वर्ष का चयन करें।

चरण 4: सबमिशन मोड में प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन का विकल्प चुनें।

चरण 5: फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां भरें और जरूरी संलग्नक (अटैचमेंट) अपलोड करें।

चरण 6: फॉर्म को ईवीसी या डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से सबमिट करें, जैसा कि रिटर्न फाइलिंग के दौरान आवश्यक होता है।

आवेदन से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

फॉर्म 10AB में मांगे गए दस्ताजों के अलावा, संगठन पहले से ही सभी जरूरी दस्तावेजों की सूची तैयार रखें या आवेदन करने से पहले अपनी तैयारी का आकलन कर लें। यह एक सलाह है, क्योंकि यदि कभी विभाग की ओर से कोई नोटिस जारी होता है, तो इसी प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने की अपेक्षा की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त, नियम 17AA का पालन करना अनिवार्य है। आयकर नियम, 1962 के अंतर्गत यह नियम परोपकारी संगठनों (जैसे ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य संस्थाएं) पर लागू होता है। इसके अनुसार उन्हें अपनी आय, योगदान और व्यय का सही और पारदर्शी लेखा-जोखा रखने के लिए पूरा बही-खाता और संबंधित दस्तावेज अपने पास रखना आवश्यक है। यह अनुपालन विशेष रूप से धारा 10(23C) और धारा 12A के तहत जरूरी है, ताकि पारदर्शिता और उचित वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।

नवीनीकरण के दौरान ध्यान रखने योग्य अन्य महत्वपूर्ण बातें

  • अधूरा दस्तावेजीकरण: अधूरे या गलत दस्तावेज जमा करना अस्वीकृति का सबसे आम कारण है। उदाहरण के लिए, पंजीकरण प्रमाणपत्र, ट्रस्ट डीड, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन, पैन आदि।
  • फॉर्म 10AB को गलत तरह से दाखिल करना: फॉर्म 10AB को सावधानीपूर्वक और सही तरीके से ऑनलाइन भरना और जमा करना आवश्यक है। यदि कोई कॉलम खाली रह गया, गलत श्रेणी चुनी गई या गलत दस्तावेज़ अपलोड किए गए, तो आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
  • वित्तीय अनुपालन न होना: संगठनों के लिए सही बही-खाते का रिकॉर्ड बनाए रखना और प्रत्येक वर्ष अपने खातों का ऑडिट करवाना अनिवार्य है।
  • 12A के अंतर्गत पंजीकरण न होना: किसी भी संस्था को धारा 80G पंजीकरण के लिए आवेदन करने से पहले धारा 12A के अंतर्गत पंजीकृत होना आवश्यक है। यदि 12A पंजीकरण नहीं है, तो आवेदन अपनेआप अस्वीकृत हो सकता है।

निष्कर्ष

नवीनीकरण की जटिलताओं को सही तरीके से समझना और उनका पालन करना किसी भी गैर-लाभकारी संस्था के लिए अत्यंत आवश्यक है, ताकि वह कानूनी अनुपालन सुनिश्चित कर सके और टैक्स संबंधी लाभ प्राप्त कर सके। चूंकि नियमों में लगातार बदलाव होते रहते हैं और दस्तावेजी जरूरतें भी लंबी-चौड़ी होती हैं, इसलिए आम गलतियों से बचना और समय-सीमा में यह काम पूरा करना करना बेहद अहम है।

यह लेख मूलरूप से आरिया एडवाइजरी पर अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं। 

लेखक के बारे में
पारुल अग्रवाल-Image
पारुल अग्रवाल

पारुल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और 8 वर्षों से भी अधिक समय से कॉर्पोरेट और विकास क्षेत्र में कार्यरत हैं। वे अर्न्स्ट एंड यंग में कर और विनियामक सलाहकार से लेकर एरिया सीएफओ सर्विसेज में वित्त और अनुपालन कार्यों के नेतृत्व से जुड़ी भूमिकाओं से जुड़ी हुई हैं। गैर-लाभकारी और सीएसआर संस्थाओं की वित्तीय प्रणालियों व प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाना उनके काम का मुख्य हिस्सा है।

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