विकास सेक्टर में तमाम प्रक्रियाओं और घटनाओं को बताने के लिए एक खास तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है। आपने भी ऐसे कुछ शब्दों और उनके इस्तेमाल को लेकर असमंजस का सामना भी किया होगा। इसी असमंजस को दूर करने के लिए हम एक ऑडियो सीरीज ‘सरल-कोश’ लेकर आए हैं, जिसमें हम आपके इस्तेमाल में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्दों पर बात करने वाले हैं।
सरल-कोश में इस बार का शब्द है फिलान्थ्रॉपी।
फिलान्थ्रॉपी, यानी परोपकार, वह प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति या संस्था किसी विशिष्ट कारण या सामाजिक मुद्दे का समर्थन करने के लिए वित्तीय दान करती है। लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं है। फिलान्थ्रपिस्ट, यानी जो लोग फिलान्थ्रॉपी करते हैं, चाहें तो वित्तीय सहायता के अलावा अपने समय और विशेषज्ञता सहित पर्याप्त संसाधन भी दान कर सकते हैं।
आज के समय में कई गैर-सरकारी संगठन, कॉरपोरेट सीएसआर इनिशिएटिव, और व्यक्तिगत प्रयासों जैसे अलग-अलग फिलान्थ्रॉपी के तरीकों के ज़रिए समाज में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी फिलान्थ्रपिक संस्थाएं आमतौर पर ग्रांट्स के माध्यम से सामाजिक काम में लगी गैर-सरकारी संस्थाओं की पहल का समर्थन करती हैं। उदाहरण के लिए, रोहिणी निलेकणी फिलान्थ्रॉपी, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, गेट्स फाउंडेशन और एटीई चंद्रा फाउंडेशन जैसी संस्थाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और हाशिए के समुदायों के सशक्तिकरण और ईको-सिस्टम डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
हर फिलान्थ्रपिक संस्था अपनी रुचि के अनुसार सामाजिक क्षेत्र का चुनाव करती है। जैसे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, शिक्षा और हाशिए के समुदायों के कल्याण में अपने संसाधनों का दान करती है। वहीं, एटीई चंद्रा फाउंडेशन क्षमता निर्माण और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देती है।
अपनी संस्था के लिए फंड इकठ्ठा करने के लिए आप इस तरह के फिलान्थ्रपिस्ट, या फिलान्थ्रपिक संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं जो आपके कार्यक्षेत्र में सक्रिय हो।
हम अगली बार एक नए शब्द के साथ फिर मिलेंगे। अगर आप विकास सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले किसी शब्द को लेकर असमंजस में हैं या उसे सरलता से समझना चाहते हैं, तो उसे वीडियो के कॉमेंट सेक्शन में जरूर लिखें।
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