जहां दुनिया परिस्थितिक तंत्र के संरक्षा और जलवायु अनुकूलन के बारे में जानने के लिए पशुपालकों का सहारा लेती हैं, वहीं जम्मू एवं कश्मीर में इस ज्ञान के संरक्षकों में शिक्षा और काम करने लायक़ साक्षरता की भी कमी है। फलस्वरूप ये जनजातियां अदृश्य एवं पिछड़ों का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।जम्मू एवं कश्मीर […]
मेरा नाम बिसमा भट्ट है और मैं श्रीनगर, कश्मीर में एक पत्रकार हूँ। वर्तमान में मैं फ्री प्रेस कश्मीर नाम की एक साप्ताहिक पत्रिका में फीचर लेखक के रूप में काम करती हूँ। मैंने अपना पूरा जीवन श्रीनगर में बिताया है। मेरे बचपन में ही मेरे पिता का देहांत हो गया था। मुझे और मेरी […]