दिल्ली

तीन युवा महिलायें_लीडरशिप
June 10, 2025
कम्युनिटी लीडरशिप क्या होती है? जानिए जमीनी अनुभव से
कम्युनिटी लीडरशिप का यह मॉडल हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम असल में लोगों को लीड करने का मौका दे रहे हैं, या बस उनके लिए फैसले ले रहे हैं?

दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र की गलियों में काम कर रहे आगाज थियेटर ट्रस्ट ने कम्युनिटी लीडरशिप की अलग ही परिभाषा गढ़ी है। ऐसी लीडरशिप, जो समुदाय के भीतर से आती है, रोज की जिंदगी से जुड़ी है और जिसे लोग अपना मानते हैं। नगीना, नगमा और जैस्मिन जैसे कई नाम इस बात का उदाहरण हैं कि जब […]

नगमा, नगीना, जैस्मीन | 2 मिनट लंबा लेख
मशीन पर काम करता हुआ एक श्रमिक _ई-कचरा
April 15, 2025
क्या स्थानीय मोबाइल रिपेयर की दुकानें ई-कचरे को कम करने में मदद कर सकती हैं?
कंप्यूटर और मोबाइल रिपेयर की दुकानों लंबे समय से उपकरणों के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर रही हैं। लेकिन उन्हें जीवित रहने के लिए समर्थन की ज़रूरत है।

भारत में लंबे समय से पुरानी चीज़ों की मरम्मत और पुनःउपयोग कर उनके जीवनकाल को बढ़ाने का चलन रहा है। सर्कुलर इकोनॉमी, अपसाइक्लिंग और थ्रिफ्टिंग जैसे शब्दों के वैश्विक स्तर पर प्रचलित होने से कहीं पहले से देश के लोग मोटे तौर पर कम खर्चे वाली टिकाऊ जीवनशैली अपनाते रहे हैं।लेकिन फिर भी 2024 में […]

मैकेनिकों की आजीविका_ऑटोमोबाइल मैकेनिक
December 17, 2024
भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों से भरे कल में मैकेनिक कहां दिखते हैं?
भारत की पर्यावरण प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी समस्याओं का हल ई-वाहनों में खोजा जा रहा है लेकिन क्या परंपरागत वाहनों को सुधारने वाले अनगिनत मैकेनिक भी इसमें शामिल हैं?

भारतीय शहर, देश के कुल सालाना कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं। इसमें निजी गाड़ियों समेत होने वाले सड़क परिवहन का योगदान 62 प्रतिशत है। इस वजह से साल 2021 में यह देश के कार्बन फुटप्रिंट का सबसे बड़ा कारण बन गया है। परिवहन से होने वाले प्रदूषण को असर चिंताओं […]

दो मुस्लिम महिलायें_रोहिंग्या समुदाय
November 4, 2024
रोहिंग्या संकट में नागरिक समाज संगठन कैसे मदद कर सकते हैं?
भारत में रोहिंग्या समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है, वे विस्थापित हैं और अदृश्य कर दिए गए हैं। नागरिक समाज उन्हें एक गरिमामय जीवन तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकता है?

म्यांमार के मुस्लिम अल्पसंख्यक, रोहिंग्या समुदाय ने अपने देश में दशकों से उत्पीड़न और हिंसा का सामना किया है। इसके चलते बड़े पैमाने पर उनका पलायन हुआ है – खासतौर पर बांग्लादेश की ओर, और कुछ कम ही सही पर भारत, मलेशिया, थाईलैंड में भी। इसके अलावा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के दूसरे हिस्सों में […]

थियेटर ऑफ द ऑप्रेस्ड अपनी प्रस्तुति देते हुए_थियेटर
October 22, 2024
थियेटर ऑफ द ऑप्रेस्ड: वंचितों का रंगमंच जिसमें हम सब कलाकार हैं
कैसे समाजसेवी संस्थाएं, थियेटर ऑफ द ऑप्रेस्ड का इस्तेमाल कर शिक्षा, समाज और पर्यावरण से जुड़े तमाम मुद्दों पर एक नई तरह से संवाद विकसित कर सकती हैं।

थियेटर का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक मंच की तस्वीर उभरती है, जिस पर कलाकार नाटक पेश कर रहे होते हैं और हम, दर्शक, ताली बजा रहे होते हैं। लेकिन क्या हो अगर मंच पर घटने वाली कहानी का हिस्सा हम भी बन जाएं? अगर कलाकारों के साथ-साथ हम भी अपनी राय रखें, […]

ज़ुबैर इदरीसी | 5 मिनट लंबा लेख
रमा कुछ कागजात हाथ में लिए एक बेंच पर बैठी किसी से बात कर रही है_घरेलू वायु प्रदूषण
May 23, 2024
चूल्हे से एलपीजी तक: एक ज़मीनी कार्यकर्ता जो इस सफ़र को आसान बनाती है
दिल्ली की एक फील्डवर्कर का एक दिन जो भलस्वा कॉलोनी में रहने वाले समुदायों को प्रदूषण से बचने और स्वच्छ ईंधन अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

दिल्ली की एक फील्डवर्कर रमा के जीवन के एक दिन की झलक पाने के लिए यह वीडियो देखें। रमा भलस्वा में कूड़ा बीनने वालों की मदद करती हैं। उनके सहयोग से समुदाय ने लकड़ी के चूल्हे से एलपीजी सिलेंडर के इस्तेमाल तक का सफ़र तय किया है। ज़मीनी स्तर पर काम करने का पंद्रह वर्षों […]

रमा | 11 मिनट लंबा लेख
रेडियो के सामने बैठी हुई कुछ महिलाओं के हाथ_रेडियो अभियान
September 4, 2023
एक सफल रेडियो अभियान के लिए क्या चाहिए?
समाजसेवी संस्था साहस द्वारा ई-वेस्ट से जुड़ी जागरुकता बढ़ाने के लिए चलाए गए रेडियो अभियान के अनुभव, प्रचार अभियानों के डिज़ाइन तैयार करना सिखाते हैं।

वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ गया है लेकिन इन गैजेट्स का अपना जीवन चक्र कम हो गया है। नतीजतन, इससे पैदा होने वाले ई-वेस्ट की मात्रा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। विश्व स्तर पर,  भारत ई-वेस्ट उत्पादन में तीसरे स्थान पर आता है, और स्वास्थ्य और पर्यावरण […]

ट्रक ने कचरा उड़ेल दिया है और चीलों का झुंड अब अपने बारी का इंतज़ार कर रहा है-कचरा प्रबंधन
July 13, 2022
फ़ोटो निबंध: एक कचरा प्रबंधन साइट से बढ़कर
गाजीपुर लैंडफिल की एक झलक जहां सैकड़ों अनौपचारिक मज़दूर कचरे को अलग करते हैं, रीसायकल करते हैं और फिर उसी कचरे को वापस अर्थव्यवस्था में संचारित कर देते हैं।

पूर्वी दिल्ली के अंतिम छोर पर एक पहाड़ जैसी कोई आकृति दिखाई पड़ती है। थोड़ा नज़दीक जाने पर साफ़ दिखता है कि यह पहाड़ दरअसल कचरे का वही ढ़ेर है जिसे गाज़ीपुर लैंडफ़िल के नाम से जाना जाता है। कचरे के इसी विशाल ढ़ेर में सैकड़ों लोगों को अनौपचारिक रूप से रोज़गार मिलता है।मैं पहली […]

अभिषेक सिंह | 6 मिनट लंबा लेख
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