उमर फ़ारुक़ जरगर श्रीनगर, जम्मू कश्मीर में रहते हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वे अपने काम के जरिए पर्यावरण, संस्कृति, मानवाधिकार, संघर्ष और राजनीति से जुड़ी अनकही कहानियां कहने के प्रति समर्पित हैं।