जयेश जोशी, लगभग 30 सालों से वाग्धारा संस्था में सचिव हैं और गांधीवादी विचारधारा पर आधारित ‘स्वराज दर्शन’ को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वे, पर्यावरण के अनुकूल और सतत विकास के तरीकों पर जोर देते हैं जिनमें सांस्कृतिक विरासत और परंपराएं भी शामिल हैं। उनके प्रयासों से कई आदिवासी और ग्रामीण समुदायों को सतत विकास की ओर बढ़ने में मदद मिली है। उन्होंने ऐसे कई सफल सामुदायिक मॉडलों पर काम किया है जो जलवायु संरक्षण, खाद्य सुरक्षा और पारंपरिक ज्ञान को मजबूत करने पर केंद्रित हैं।