कपड़ा आदमी के रूप में लोकप्रिय अंशु गुप्ता ने गरीबी और इससे संबंधित समस्याओं को ख़त्म करने वाले एक टिकाऊ आर्थिक प्रारूप मुहैया करने के लिए गूंज की स्थापना की थी। इनके नेतृत्व में गूंज ने शहरी अधिशेष और ग्रामीण समाज के लोगों के श्रम के बीच एक वस्तु विनिमय व्यवस्था को बनाया जिससे ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमानों पर विकास से जुड़े काम शुरू हुए। फोर्ब्स पत्रिका ने इन्हें भारत के सबसे शक्तिशाली ग्रामीण उद्यमी की सूची में शामिल किया है। इन्हें अशोका और श्च्वब फ़ेलोशिप के अलावा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। भारत में देने की संस्कृति को बदलने और गरीबों के लिए एक सतत विकास संसाधन के रूप में चीजों को सामने लाने के इनके काम के लिए अंशु गुप्ता को मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।