अमरेंद्र किशोर जनसरोकार से जुड़े स्वतंत्र पत्रकार हैं और दिल्ली में रहते हैं। इन्होंने अपनी पत्रकारिता के ज़रिये ज़मीनी स्तर पर सामाजिक और लैंगिक मुद्दों, ग्रामीण जीवन की जटिलताओं, गरीबी की मार्मिक वास्तविकताओं तथा आदिवासियों की ज़िन्दगी में बढ़ती चुनौतियों के गहन अन्वेषण का काम किया है। अमरेन्द्र, कुदरती संसाधनों और स्थानीय समुदायों के बीच ख़त्म होते रिश्ते और उभरती चुनौतियों के समाधान की वकालत करते रहे हैं।