क्या अंग्रेजी भाषा ही योग्यता और अनुभवों को आंकने का पैमाना है?

मेरा नाम अनिल कुमार है। मैं महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में सक्रिय एक ज़मीनी कार्यकर्ता हूं। बीते 17 सालों से विकास सेक्टर में होने के बावजूद मुझे पिछले दिनों नौकरी ढूंढने में अनगिनत परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसकी एक अहम वजह मेरा सीमित अंग्रेज़ी ज्ञान था क्योंकि अब तक के अपने काम में मुझे सिर्फ़ हिंदी और मराठी की ही ज़रूरत रही थी। नौकरी ढूंढने के दौरान मैंने पाया कि चाहे अपना काम मैं इन भाषाओं में ही करूं, लेकिन नौकरी पाने के लिए मेरा अच्छी अंग्रेज़ी जानना बहुत ज़रूरी है। 

मैंने अलग-अलग राज्यों में विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों में लंबे समय तक काम किया है। और, मुझे लगता है कि ज़मीनी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति या उनके दैनिक काम, उसी भाषा में होने चाहिए जिसमें वे सहज हों। या फिर, कम से कम अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी या क्षेत्रीय भाषा का भी विकल्प होना चाहिए। अगर नौकरी पाने और करने के दौरान अंग्रेज़ी का दबाव नहीं होगा हो तो हम ज़मीनी कार्यकर्ता बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

अधिक जानें: जानें कैसे एक ज़मीनी कार्यकर्ता ने लैंगिक भूमिकाओं पर काम करते हुए समानता के सही मायने समझे।

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