इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू (आईडीआर) सामुदायिक विकास के लिए काम करने वाला भारत का पहला और सबसे बड़ा स्वतंत्र मीडिया प्लैटफ़ार्म है। हम भारत की कुछ सबसे कठिन समस्याओं पर काम कर रहे लोगों के लिए और उनके ही द्वारा लिखे गए प्रमुख विचारों, सलाहों, और अंतर्दृष्टि को प्रकाशित करते हैं।
आईडीआर की स्थापना 2017 में एक स्वयंसेवी संस्था के रूप में की गई थी। भारत में विकास समुदाय के पास सामाजिक परिवर्तन के काम को आगे ले जाने के लिए पर्याप्त से अधिक मात्रा में ज्ञान और विशेषज्ञता उपलब्ध है। लेकिन अक्सर यह ज्ञान लोगों के दिमाग या संस्थानों के अंदर दब जाता है। बहुत ही कम अवसरों पर यह ज्ञान सही लोगों के पास, सही स्वरूप में पहुंचता है या सही समय पर उनके काम आता है। आईडीआर में हम यह जानते हैं कि किसी भी जटिल समस्या के समाधान में ज्ञान बस एक हिस्सा है, लेकिन यह एक ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा है जो परिवर्तन लाने की शक्ति रखता है। और इसलिए ही हम ऐसी उपेक्षित विषयों, अनसुनी आवाज़ों और प्रति-कथाओं के लिए मंच प्रदान करते हैं जो सामाजिक प्रगति को हासिल करने के लिए ज़रूरी हैं। हम विकास समस्याओं के अंतर-क्षेत्रीय समाधानों पर ध्यान देते हैं और कारगर तरीकों के साथ ही उन तरीकों के बारे में भी लिखते हैं जो सफल नहीं हुए हैं।
हमारे लेख मौलिक और विचारोत्तेजक होने के साथ ही तथ्यों पर आधारित होते हैं। हम स्पष्ट और सरल भाषा का प्रयोग करते हैं जिसके लिए जानकार संपादकों की हमारी एक टीम काम करती है। इस काम में हमारा साथ देने वाले लोगों में विशेषज्ञ, पेशेवर, विकास विचारक और शोधकर्ता, दान देने वाले और ज़मीनी कार्यकर्ता शामिल हैं।
आईडीआर का उद्देश्य सामाजिक क्षेत्र की आवाज़ बनना है। हम आशा करते हैं कि हमारा काम एक ऐसे क्षेत्र के निर्माण में मददगार साबित होगा जिसके पास बेहतर जानकारियाँ होंगी, जो आलोचनात्मक सोच को अपनाएगा और इस तरह बेहतर तरीके से काम करेगा।
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