टिब्बी नगर पालिका: यह राजस्थान का शहर है या गांव?

शहरी निकाय का ऑफिस बैनर_स्थानीय सरकार
स्थानीय निवासियों को लगता है कि टिब्बी की स्थिति नगर पालिका की अपेक्षा ग्राम पंचायत के रूप में बेहतर थी। | चित्र साभार: अमरपाल सिंह वर्मा

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में पड़ने वाली टिब्बी नगर पालिका के लोगों के लिए हरदम बहते नालों और उनकी बदबू से जूझना कोई नई बात नहीं है। यह समस्या 2022 में भी ऐसी ही थी, जब टिब्बी एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी और आज इसके नगर पालिका बनने के दो साल बाद भी यह समस्या बिल्कुल वैसी ही बनी हुई है।

वार्ड नंबर 12 में रहने वाले प्रभुलाल बताते हैं कि यह गंदा पानी बगैर किसी उचित उपचार के तालाबों में पहुंचता है जिसके कारण हमारे जलस्रोतों के पानी से भी दुर्गंध आने लगी है। वे बताते हैं कि “यहां जल निकासी के लिए कोई ठोस व्यवस्था करने की जरूरत है।” वार्ड 12 के एक अन्य निवासी बलवंत राम कहते हैं कि “यहां कोई विकास दिखाई नहीं पड़ता है।”

टिब्बी में पीने के पानी के रूप में फ्लोराइड की उच्च मात्रा वाला भूजल उपलब्ध कराया जाता है। लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से नहर का पानी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

टिब्बी अब एक चौराहे पर खड़ा है, नगर पालिका के रूप में अपग्रेड के बाद न तो यह गांव रह गया है और न ही शहर हो पाया है। आज भी, नगर पालिका कार्यालय में स्वीकृत अधिकांश पद खाली हैं जिससे यहां का काम प्रभावित होता है।

टिब्बी नगर पालिका की अध्यक्ष संतोष सुथार कहती हैं, “अगर [राज्य] सरकार स्वीकृत पदों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति कर लेती तो नगर पालिका सुचारू रूप से काम कर सकती थी। ऐसे में जब अधिकारी और कर्मचारी मौजूद ही नहीं होंगे तो काम कौन करेगा?” जब राज्य सरकार ने 20 मई, 2022 को इसे नगर पालिका में अपग्रेड करने की अधिसूचना जारी की थी, तब वे टिब्बी की सरपंच थीं।

जब पंचायत कार्यालय में नगर पालिका कार्यालय स्थापित किया गया तो सरपंच को नगर पालिका अध्यक्ष, उप सरपंच को नगर पालिका उपाध्यक्ष, और 23 पंचायत सदस्यों को पार्षद बना दिया गया।

कई अन्य सरकारी पद बनाए गए लेकिन शायद ही कभी भरे गए। सहायक राजस्व निरीक्षक की अनुपस्थिति में, नगर पालिका के लिए राजस्व उत्पन्न करना भी एक समस्या है। इसी तरह, जूनियर अकाउंटेंट की अनुपस्थिति में उचित हिसाब-किताब रखना मुश्किल हो गया है जबकि स्वास्थ्य निरीक्षक का पद खाली होने के कारण सफाई व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। नगर पालिका के पास कोई स्थायी सफाई कर्मचारी नहीं है; सफाई का सारा काम आउटसोर्स किया जाता है।

राजस्थान के स्थानीय स्वशासन विभाग ने हाल ही में सफाई कर्मचारियों के 24,797 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है, लेकिन इस प्रक्रिया में नौकरशाही की लेट लतीफी की वजह से टिब्बी जैसी नई नगर पालिकाएं इसमें शामिल नहीं होंगी।

टिब्बी नगर पालिका के पार्षद राममूर्ति खन्ना कहते हैं, “नगर निगम कार्यालय में कर्मचारियों के लिए आवश्यक संसाधनों के उपयोग के लिए उचित व्यवस्था होना ज़रूरी है, लेकिन टिब्बी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। राज्य सरकार ने वाहवाही बटोरने के लिए कई नगर पालिकाएं बनाईं, लेकिन उसके बाद उनकी तरफ़ मुड़कर नहीं देखा।”

प्रशासनिक गतिरोध के कारण, स्थानीय निवासियों को लगता है कि टिब्बी की स्थिति नगर पालिका की अपेक्षा ग्राम पंचायत के रूप में बेहतर थी।

अमरपाल सिंह वर्मा राजस्थान स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह लेख 101 रिपोर्टर्स पर मूल रूप से प्रकाशित लेख का संपादित अंश है।

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