त्रिपुरा

तस्वीर में एक तीखे औजार से पेड़ की छाल निकालते बिजय_गौर समुदाय
May 21, 2025
फोटो निबंध: उत्तर त्रिपुरा के गौर समुदाय की पलायन यात्रा
कभी बांग्लादेश से त्रिपुरा की ओर पलायन करने वाला गौर समुदाय आज रबर की खेती के कारण खराब जमीन और पानी के संकट से जूझ रहा है।

उत्तरी त्रिपुरा जिले का पानीछड़ा गांव, गौर समुदाय का घर है। यह समुदाय 1970 के दशक में पलायन कर त्रिपुरा में आकर बस गया था। लेकिन यह उनके इतिहास का पहला पलायन नहीं था। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से निकले इस समुदाय ने 1960 में चाय बागानों में मजदूरी के लिए उन क्षेत्रों […]

मशीन पर काम करता हुआ एक श्रमिक _ई-कचरा
April 15, 2025
क्या स्थानीय मोबाइल रिपेयर की दुकानें ई-कचरे को कम करने में मदद कर सकती हैं?
कंप्यूटर और मोबाइल रिपेयर की दुकानों लंबे समय से उपकरणों के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर रही हैं। लेकिन उन्हें जीवित रहने के लिए समर्थन की ज़रूरत है।

भारत में लंबे समय से पुरानी चीज़ों की मरम्मत और पुनःउपयोग कर उनके जीवनकाल को बढ़ाने का चलन रहा है। सर्कुलर इकोनॉमी, अपसाइक्लिंग और थ्रिफ्टिंग जैसे शब्दों के वैश्विक स्तर पर प्रचलित होने से कहीं पहले से देश के लोग मोटे तौर पर कम खर्चे वाली टिकाऊ जीवनशैली अपनाते रहे हैं।लेकिन फिर भी 2024 में […]

ट्रेन से झाँकता एक व्यक्ति_सामाजिक संस्थाएं
February 24, 2025
त्रिपुरा में समाजसेवी संगठनों के काम करने के लिए एक गाइड
भौगोलिक अलगाव के अलावा त्रिपुरा में समाजसेवी संगठनों के सामने और भी कई बाधाएं हैं, जिनसे निपटने में उनका लचीलापन और आपसी साझेदारियां मददगार साबित हो सकते हैं।

भारत के सबसे कम विकसित राज्यों में से एक त्रिपुरा भौगोलिक रूप से अलग-थलग होने के चलते कई तरह की चुनौतियों का सामना करता है। इसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका के समान अवसर न मिल पाना भी शामिल है। ऐसे में राज्य में काम कर रही समाजसेवी संस्थाएं विभिन्न समुदायों के विकास की जिम्मेदारी […]

सुजीत घोष | 6 मिनट लंबा लेख