दुमका जिला, झारखंड के शिकारीपाड़ा ब्लॉक में पड़ने वाले जबरदाहा गांव के नवाज अली जादुपेटिया एक खानदानी डोकरा कलाकार हैं। वे अपनी कला का पूरा नाम डोकरा कास्टिंग आर्ट बताते हैं। 42 वर्षीय नवाज अली बताते हैं कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से यही काम करता आ रहा है और अब उनके बच्चे भी यह […]
हमारे देश में हजारों छोटे-बड़े जन संगठन मौजूद हैं जो जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। यहां जन-संगठन से अर्थ उन संस्थानों से है जो समुदायों के साथ सीधे जमीन पर काम कर रहे हैं। इन्हें समाजसेवी संस्थाओं या एनजीओ से अलग देखे जाने की जरूरत है।पारंपरिक संस्थाओं से अलग जन संगठनों […]
अध्ययनों से पता चलता है कि युवाओं में तनाव, चिड़चिड़ेपन और डिप्रेशन के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसके चलते वे कई बार कुछ गंभीर कदम भी उठा लेते हैं। तनाव के कारणों में कठिन सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियां, परेशान करने वाले पारिवारिक संबंध, स्कूल में दबाव और दैनिक कार्य जीवन में असंतुलन शामिल हैं। ऐसे […]
दयामनी बरला, एक आदिवासी कार्यकर्ता और पत्रकार हैं और हमेशा ही आदिवासी मुद्दों पर अपनी बात मुखरता से रखती आई हैं। इस इंटरव्यू में दयामनी बरला बताती हैं कि उनका बचपन भी बहुत संघर्षों से भरा रहा और उन्हें अपनी आजीविका चलाने के लिए खुद से संघर्ष करना पड़ता था। दयामनी बताती हैं कि उन्होंने […]
बिहार में आदिवासियों के झारखंड आंदोलन से अपनी पहचान बनाने वाले मधु मंसूरी हंसमुख का नाम जितना दिलचस्प है, उनके जीवन का सफर भी उतना ही रोचक रहा है। बचपन से ही इन्हें लोकगीतों का शौक रहा है। आगे चलकर इन्होंने झारखंड बनने के आंदोलन में अपने गीतों के ही ज़रिये लोगों के बीच अपनी […]
सामाजिक प्रभाव पैदा करने के लिए समर्पित शोधकर्ताओं के रूप में, हम अपने काम से प्रभावित होने वाले समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। हालांकि, सर्वेक्षण में सवालों के जवाब देने के अलावा इन समुदायों को हमारी शोध प्रक्रियाओं में शायद ही कभी शामिल किया जाता है। अक्सर उनकी भूमिका डेटा […]
मेरा नाम सौविक साहा है। मैं भारत के युवाओं, विशेष रूप से पिछड़े समुदाय के युवाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए काम करता हूं।मैं झारखंड के जमशेदपुर में एक बस्ती में बड़ा हुआ हूं। मेरे पिता फ़ैक्ट्री में काम करते थे और माँ घर पर ही रहकर मेरे और मेरी बहन की […]