भारत के तमाम समुदायों में, लगभग 6,000 क़िस्मों के चावल, 500 से अधिक तरह के अनाज और सैकड़ों प्रकार की सब्ज़ियां और जड़ी-बूटियां उगाई और खपत की जाती हैं। इतना ही नहीं। देसी खाने के स्वाद में लगातार हो रही यह बढ़त यहां के लोगों की विविध और समय के साथ बदल रही खाने पकाने की […]
मेरा नाम रीना सेठी है। मैं ओड़िशा के ख़ोरधा ज़िले के पंचगाँव में अपने पति, सास-ससुर और तीन बच्चों के साथ रहती हूँ। मैं इंडसट्री फ़ाउंडेशन के मैनुफ़ैक्चरिंग इकाई के लीफ़-प्रेसिंग विभाग में काम करती हूँ। हम लोग साल के पेड़ की पत्तियों और सीयालि नाम से जानी जाने वाली लताओं से प्लेट और कटोरियाँ […]
मेरा नाम निरुपमा जना है। मैं ओडिशा के बालासोर ज़िले में पड़ने वाले बलियापल गाँव की रहने वाली हूँ। मेरे माता-पिता भी शिल्पकार ही थे। उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प और शिल्पकारों को सहायता देने वाले एक सामाजिक उद्यम कदम हाट से प्रशिक्षण लिया था और उनके लिए टोकरियाँ बनाते थे। मैं और मेरा भाई अक्सर अपने […]
मेरा नाम लक्ष्मीप्रिय साहू है और पिछले तीन वर्षों से मैं उड़ीसा के नयागढ़ जिले के रानकडेउली गाँव में एक कृषि मित्र के रूप में काम कर रही हूँ। मेरी मुख्य भूमिका इस क्षेत्र के किसानों के साथ मिलकर जैविक खेती को बढ़ावा देना है। मैंने फ़ाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सेक्यूरिटी (एफ़ईएस) के सहयोग से आयोजित […]