आईडीआर इंटरव्यूज

September 10, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | दयामनी बरला
झारखंड की आदिवासी कार्यकर्ता एवं पत्रकार दयामनी बरला बताती हैं कि कैसे वे जल, जंगल और जमीन से जुड़े आंदोलनों के जरिए लोगों को उनका हक दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष करती रही हैं।
September 3, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | मधु मंसूरी हंसमुख
पद्मश्री सम्मान से नवाजे जा चुके लोकगीत कलाकार मधु मंसूरी हंसमुख ने आईडीआर के साथ अपनी बातचीत में बताया कि कैसे छोटी सी उम्र से ही इन्होंने लोकगीत को अपना हथियार बनाकर झारखंड आंदोलन को एक नई दिशा और चेतना प्रदान की।
August 8, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | डॉ. नरेंद्र गुप्ता 
एक्टिविस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र गुप्ता बताते हैं कि भारत में स्वास्थ्य के प्रति नज़रिया बदलना क्यों ज़रूरी है और राइट टू हेल्थ अधिनियम और जनस्वास्थ्य अभियान को बढ़ावा देना कितना अहम है।
March 28, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | शंकर सिंह (भाग-दो) 
देश में आरटीआई आंदोलन के लीडर और एमकेएसएस के स्थापकों में से एक, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह आईडीआर से बातचीत में अपने कामकाजी और निजी जीवन के बारे में बात कर रहे हैं।
March 21, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | शंकर सिंह (भाग-एक) 
देश में आरटीआई आंदोलन के लीडर और एमकेएसएस के स्थापकों में से एक, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह आईडीआर से बातचीत में अपने कामकाजी और निजी जीवन के बारे में बात कर रहे हैं।
October 26, 2022
आईडीआर इंटरव्यूज । राजेंद्र सिंह
‘वाटरमैन ऑफ़ इंडिया’ कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह ने आईडीआर से हुई इस खास बातचीत में जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और ग्राम विकास पर विस्तार से बात की है। यहां उनसे जानिए कि कैसे सिर्फ पानी बचाकर गांव आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
September 28, 2022
आईडीआर इंटरव्यूज । बेज़वाड़ा विल्सन 
सफ़ाई कर्मचारियों द्वारा मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा के विरुद्ध ताउम्र संघर्ष करनेवाले बेज़वाड़ा विल्सन दलितों के नेतृत्व में ज़मीनी स्तर पर तैयार किए जाने वाले आंदोलन की बात करते हैं। वह चाहते हैं कि यह आंदोलन इस अमानवीय प्रथा का अंत करने में मददगार साबित हो और इस प्रथा के शिकार लोगों को इससे मुक्ति मिल सके।
July 27, 2022
आईडीआर इंटरव्यूज । सुषमा अयंगर
कच्छ में अपने अभूतपूर्व काम के लिए जानी जाने वाली सुषमा अयंगर आईडीआर से बातचीत में बता रही हैं कि उनका सारा ध्यान महिला अधिकार और ग्रामीण विकास पर क्यों हैं। साथ ही उन्हें क्यों लगता है कि आज महिला सशक्तिकरण का दायरा आर्थिक परिवर्तन तक सीमित है।
June 1, 2022
आईडीआर इंटरव्यूज | अरुणा रॉय
जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई और मनरेगा जैसे विभिन्न अधिनियमों के लिए किए गए आंदोलनों के पीछे एक प्रेरणा शक्ति के रूप में काम करने वाली अरुणा रॉय हमें बता रही हैं कि वास्तव में सहभागी आंदोलनों को टिकाऊ बनाए रखने के लिए क्या करना पड़ता है। और असहमति के अपने लोकतान्त्रिक अधिकार के लिए हमें क्यों लड़ना चाहिए।
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